आपकी इन चार लाइनों में लगता है सभी कुछ समाने की कोशिश की है जिसमें कवियत्री क़ामयाव भी हुईं हैं लेकिन फिर भी कहीं कोई ग़ुंजाइश है कुछ और अच्छा हो सकता था.......फिर भी बिना कुछ नकारात्मक सोचते हुए.....रचना दिल को छूती है....लेकिन डुबा नहीं पाती.......क्षमा कीजिए।।।।।
4 टिप्पणियां:
bahut khoob..
लिखते रहें.
वाह.. बहुत सुंदर शेर...
आपकी इन चार लाइनों में लगता है सभी कुछ समाने की कोशिश की है जिसमें कवियत्री क़ामयाव भी हुईं हैं लेकिन फिर भी कहीं कोई ग़ुंजाइश है कुछ और अच्छा हो सकता था.......फिर भी बिना कुछ नकारात्मक सोचते हुए.....रचना दिल को छूती है....लेकिन डुबा नहीं पाती.......क्षमा कीजिए।।।।।
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