ब्लोगिंग जगत के पाठकों को रचना गौड़ भारती का नमस्कार

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शुक्रवार, 31 जुलाई 2009

मंज़िल


आंखों में जलते दीप लिए
हर मंजिल पर तुम्हारा साथ चाहिए
कुछ प्यार का अहसास चाहिए
रहें गर दो पल मेहरबां
तो हर जन्म का साथ चाहिए
तब चाहे रास्ते पर कांटे मिलें
या खुशियों भरी रातें मिलें
प्यार हमारा सच्चा हो बस
इतना सा इम्तहां चाहिए

7 टिप्‍पणियां:

अनिल कान्त ने कहा…

बेहद खूबसूरत ख्याल हैं

मेरी कलम - मेरी अभिव्यक्ति

डॉ. मनोज मिश्र ने कहा…

वाकई खूबसूरत ख्याल.

ओम आर्य ने कहा…

ek paak khwaahish hai aapaki........ jisame aadmi pane ki tamanna liye chalata rahata hai .....milana na milana usaki kisammt ......sundar

Unknown ने कहा…

achhi rachna..........

श्यामल सुमन ने कहा…

मंजिल की ख्वाहिश भली और भाव एहसास।
पुनः सजा दें पंक्तियाँ कविता होगी खास।।

सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com

Saiyed Faiz Hasnain ने कहा…

Wakqyi Sundar rachna ............

चाँद मोहम्मद ने कहा…

बहिन रचना जी
मेरे ब्लॉग पर टिप्पणी देकर मेरा होसला अफजाई करने के लिए तहेदिल से शुक्रिया