ब्लोगिंग जगत के पाठकों को रचना गौड़ भारती का नमस्कार

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मंगलवार, 14 अप्रैल 2009

हर बार ख्वाबों में दबे पांव चले आते हो
हमने भी इस बार सपनों के ग़लीचे पर
सूखी पत्तियों का बिछौना बिछाया है
देखें फिर कैसे बे़आवाज़ आओगे

21 टिप्‍पणियां:

महेन्द्र मिश्र ने कहा…

बहुत सुन्दर ..

देशांतर ने कहा…

bahut acchi tarh apani baat kaha aapne .

jay kumar ने कहा…

bahut sundar kalpana

दिनेशराय द्विवेदी ने कहा…

वाह! वाह!

परमजीत सिहँ बाली ने कहा…

क्या बात है! बहुत बढिया!

AAKASH RAJ ने कहा…

बहुत अच्छा किया आपने ........

डॉ. मनोज मिश्र ने कहा…

क्या भाव -क्या खूबसूरती है -आनंद आ गया .

कडुवासच ने कहा…

... बहुत खूब !!!!!!

Ajit Pal Singh Daia ने कहा…

BEAUTIFUL.

रश्मि प्रभा... ने कहा…

waah....is mohak andaaj ke kya kahne !

SUNIL KUMAR SONU ने कहा…

kabtak mom si pighalti rahogi tum.
kabtak nadi si gandagi dhoti rahogi tum.bahut kiya tum bahutere ke liye.ab galo sirf apne andhere ke liye.

devendraduniya ने कहा…

shoor samundar ka kaid hai laharo me .
bada dard umada hai bawandar me .
in aankho me garm pani ko chheda hai kisi sikandar ne ..!

गोविंद गोयल, श्रीगंगानगर ने कहा…

be aavaj aane ka swal hee paida nahi hota, wo aana kya jab kisi ko malum hee na ho. narayan narayan

GIRISH CHANDRA SHUKLA ने कहा…

bahut aacha likha hai….. i always appreciate to people who thought and Wright like this.....
aap ka mere blog me swaght hai.....
शाहिल को सरगम, खेतो में पानी, सावन सुहानी, पतझड़ को बहार, धरती को प्यार, राही को रास्ता, मुशाफिर को मंजिल, मृत्यु को जीवन, जीवित को भोजन,

ज्योति सिंह ने कहा…

बहुत सुन्दर भावार्थ. दिल को छू गया. मेरे ब्लौग पर भी कभी पधारें.

डिम्पल मल्होत्रा ने कहा…

boht achha..pattiyo ka bichhona...kuch adure khab ankho me dikhakar chal diya....woh mere nazdeek aake muskura ke chal diya...

Raju ने कहा…

दिल बाग , बाग हो गया
इतने सारे दोस्तों में मुजे सामिल किया

मेरे ब्लॉग में आप का स्वागत हे
ब्लोग के जरिये आप जेसे दोस्तों मिले
अपने आप को खुशकिस्मत मानता हु
आपका email - id भेजे मेरा id
raju_1569@yahoo.com
09824121569

लिखते रही ये गा

राजेश - http://raju1569.blogspot.com/

itsme ने कहा…

bahut achee liney hai ..sun ker achaa laga aur aapney jo mere ko samman diya to uskey liye aapko dhnawaad

Sapana ने कहा…

Vah rahanaji,
Sukhi patiyope....

kya kehna..

Sapana

बेनामी ने कहा…

bahut hi sunder racha hai ... yatharth se mukt toh khwab bhi nai ho sakte..

M VERMA ने कहा…

हर बार ख्वाबों ...... बे़आवाज़ आओगे.

बेआवाज़ ही सही आ तो जाओ
शर्त ये है, फिर लौट के न जाओ

बहुत सुंदर, इन चार पंक्तियों में तो चालीस पंक्तियों का सौंदर्य छिपा है।