ब्लोगिंग जगत के पाठकों को रचना गौड़ भारती का नमस्कार

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गुरुवार, 6 नवंबर 2008

मज़ार

आये थे मज़ार पर वो,
दुनियां बदल जाने के बाद।
सर झुकाया भी तो,
हमारे गुज़र जाने के बाद।
अरमां ये थे रू-ब-रू हो,
कुछ तो कह देते ।
बुदबुदाए भी आखिर तो ,
दम निकल जाने के बाद।
हुआ रश्क भी उन पर तो,
फितरत बदल जाने के बाद।
किया इज़हार भी तो,
अलविदा ! कहने के बाद।

52 टिप्‍पणियां:

बेनामी ने कहा…

aap sae kis email id par sampark ho sataa haen
regds
rachna
freelancetextiledesigner@gmail.com

रंजना ने कहा…

waah ! sundar likha hai aapne.Aabhaar

shaiz ने कहा…

aacha likhtee hain aap mere blog par comment kar ne ki liye shukriya aapka

बेनामी ने कहा…

अच्‍छा लगा पढ़कर।

makrand ने कहा…

bahut sunder likha aapne
khabi humari dustbin padhen
regards

adil farsi ने कहा…

बहुत खूबसूरत ..बहुत अछी कविता है

वेद रत्न शुक्ल ने कहा…

सुन्दर... बहुत सुन्दर।

Udan Tashtari ने कहा…

वाह, बहुत खूब!!

बेनामी ने कहा…

aap likhti achha hain.mera mananaa hai ki duniya min sab udass aur bevaffa nahi hote. aapki rachamna vakayee bahut sundar hai.

Unknown ने कहा…

kash bhawo ko geet bannane ka hunar hum bhi sheekh paate...
aap bahut sundarlikhti hai....
kuch nayepan ke liye mere blog par swagat hai.....
jai ho mangalmay ho

ओमप्रकाश अगरवाला ने कहा…

बुदबुदाए भी आखिर तो ,
दम निकल जाने के बाद।

वाह रचना जी, काफी अच्छी कविता है. कब ठहरेगा दर्द ऐ दिल, कब रात बसर होगी, सुनते थे, वो आएंगे, सुनते थे सहर होगी.
omprakash

Mohinder56 ने कहा…

रचना जी खूब लिखा आपने..

सर झुकाया भी तो,
हमारे गुज़र जाने के बाद।

अभिषेक मिश्र ने कहा…

आये थे मज़ार पर वो,
दुनियां बदल जाने के बाद।
सर झुकाया भी तो,
हमारे गुज़र जाने के बाद।
क्या खूब लिखा है आपने! स्वागत आपका मेरे ब्लॉग पर भी.

महेंद्र मिश्र ने कहा…

ऐसा ही है जीवन....अच्छा लगे या बुरा..
..ठीक ही है, आखिर कविता भी तो जन्मनी है..
...अपने ब्लाग पर न्योतने पर आभार..लिखे रहो...चुके रहो...आखिर धीरे धीरे ही तो पिघलती है शमा रात भर...

..सप्रेम,
महेन्द्र

Unknown ने कहा…

किया इज़हार भी तो,
अलविदा ! कहने के बाद।

बहुत खूबसूरत...

Parul kanani ने कहा…

sundar abhivyakti
sarthak pryas!!

डा0 हेमंत कुमार ♠ Dr Hemant Kumar ने कहा…

Rachanaji,
Apki gazalen aur kuch hiku padhin.Apne bhavnaon ko achchi abhivyakti dee hai.Bachchon ke halar par bhee kuch likhane ka prayas kariye.Mera blog padhane ke liye thanks.Shubhkamnaon ke sath.
Hemant Kumar

योगेन्द्र मौदगिल ने कहा…

wah..wah
badiya kavita....
badhai....

mera dil mere jazbaat....... ने कहा…

bahut accha likha aapne .....and thanx for ur comments on my blog ....maine to abhi bas kalam pakadna seekha ,,,

ravi dhurandhar ने कहा…

AAPKI PRATIBHA KO SALAM,
PRASHANSNIYA

RAVI DHURANDHAR
http://gorakhmantras-ravidhurandhar.blogspot.com/

jamos jhalla ने कहा…

rachnaa ji apkaa swagat aur dhanyavaad . apne jhalle ki jhalli baton ko yeh bosa kya de diyaa is jhallyat ko jhallyaton ke kabristaan me ek mazaar bhar banne se pehle hi mashoor kar diyaa .jhalla iske liye tahe dil se maskoor hua .jhalle vicharanusar mazaaron ke niche bhi jeevan hota he isi liye us jeevan unki kahaani ko bhi kalam ka ek hissa banaane ka prayaas karen .

Dr. Nazar Mahmood ने कहा…

अछी कविता

आशु ने कहा…

Rachna Jee,

Beautiful..sad thoughts..YOu are welcome to visit my blog too..http://dayinsiliconvalley.blogspot.com/
I would appreciate your comments..

Aashoo

बेनामी ने कहा…

आये थे मज़ार पर वो,
दुनियां बदल जाने के बाद।
सर झुकाया भी तो,
हमारे गुज़र जाने के बाद।

bahot badhiya, dhnyabad

अमृत कुमार तिवारी ने कहा…

शबनम कहती है ज़िन्दगी हसीं बड़ी है, नज़रिया बदल के देखो खूबसूरती कायनात में रहती है............
वाह रचना जी बेहद खूबसूरत. वैसे मैं धन्य हुआ, आप ने मेरे बालॉग का रूख किया और आगे लिखने की प्रेरणा दीं...

अविनाश ने कहा…

गुजर जाने के बाद .... अनायास
कुछ बीते पलों की याद दिला गई आपकी रचना ।
एक सुदर और दिल को छु लेनेवाली कविता .....

बेनामी ने कहा…

उत्कृष्ट रचनाएँ हैं आपकी।

बेनामी ने कहा…

उत्कृष्ट रचनाएँ हैं आपकी। मन को छू लेने वाली।

Shekhar ने कहा…

मैं हलाँकि किसी टिप्पणी के लिए बहुत कम अनुभव रखता हूँ लेकिन फ़िर भी ये कहना चाहता हूँ की आपकी इस रचना की प्रसंशा के लिए मेरे पास शब्दों की कमी पड़ रही है॥
भावों को बहुत सुन्दरता और संक्षिप्तता से व्यक्त किया है।

दस्तक देते रहें
http://lykhni।blogspot.com/

आपका विशेष ध्यान आकृष्ट करना चाहूंगा
http://lykhni.blogspot.com/2007/07/blog-post_8118.हटमल

नमस्कार

पवन कुमार अरविन्द ने कहा…

जो बीत गई वो बात गई,
जीवन में एक सितारा था,
माना वो बेहद प्यारा था ,
यदि टूट गए तो टूट गए,
जो टूट गए फ़िर कहाँ मिले,
अम्बर के आनन् को देखो,
कितने इसके तारे टूटे,
कितने इसके प्यारे छूटे,
पर पूछो टूटे तारों से
कब अम्बर शोक मनाता है.
----------- बच्चन
रचना जी !
आप की रचना बेहद रुचिकर एवं प्रभावी है.
---------- पवन कुमार अरविंद
मोब. 09873875050

Unknown ने कहा…

शबनम कहती है ज़िन्दगी हसीं बड़ी है, नज़रिया बदल के देखो खूबसूरती कायनात में रहती है............
एक बार फिर कहना चाहूंगा, जी करता है इन पंक्तियों को हमेशा के लिए अपने अंदर सहेज लूं...

Unknown ने कहा…

शबनम कहती है ज़िन्दगी हसीं बड़ी है, नज़रिया बदल के देखो खूबसूरती कायनात में रहती है............
एक बार फिर कहना चाहूंगा, जी करता है इन पंक्तियों को हमेशा के लिए अपने अंदर सहेज लूं...

Girish Kumar Billore ने कहा…

NICE

!!अक्षय-मन!! ने कहा…

bahut umda bahut khub...........
ek dam zabardast:):):)

Ranjan ने कहा…

thanks for viewing my blog and leaving a comment. Thanks because it gave me an opportunity to view ur blog.

keep writing and in touch

गुड्डा गुडिया ने कहा…

आपको पढ़कर काफी अच्छा लगा और मेरी कविता पर टिप्पणी के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद !

amitabhpriyadarshi ने कहा…

jo dil ko chhoo le wahee kavita hai. aapki kavitaon me maine aisa hee masusaa. mere blog par aane ke liye dhanyawaad.

Unknown ने कहा…

पहली बार आया हूँ आपके ब्लॉग पर लेकिन मुझे आने में देरी हुयी माफ़ी चाहता हूँ,बहुत अच्छा लगा आपके ब्लॉग पर आ के और बहुत अच्छी बात और सुंदर रचना है आपकी!

हें प्रभु यह तेरापंथ ने कहा…

कविता आये थे मज़ार पर वो,
पढने का अवसर मिला! अच्छा लगा!
आप अगर धर्म मे रुचि रखती है तो मेरे ब्लोग पर पधारे
महावीर बी सेमलानी "भारती"
मुम्बई

राजीव करूणानिधि ने कहा…

Bahut khoob....Yamini

समीर सृज़न ने कहा…

achha laga..bhawnao ko aapne jis tarah net ke panno par ukera hai ..wakai ye kabiletarif hain...likhte rahiye...

admin ने कहा…

बहुत प्यारे शेर हैं, बधाई।

ravinderkhare ने कहा…

आपकी कविताओं में अभिव्यक्ति की मुखरता अद्भुत है,साधुवाद

Tum ने कहा…

aap toh kamaal likhti hain. thanx fr visiting my blog and encouraging me. thanx alot.

P.N. Subramanian ने कहा…

बेहतरीन. इस से ज़्यादा कुछ नही कह पा रहा हूँ. आभार.
http://mallar.wordpress.com

योगेन्द्र मौदगिल ने कहा…

अरे आप कहां फंसी है... ब्लाग को नियमित कीजिये ना...

Rajeev Ranjan ने कहा…

अहसास हमें तब होता हैं जब सर के निचे रखा अपना पैर कोई खिच लेता हैं , दिल को छुते हैं अपके शब्द ,धन्यवाद .

ज्योत्स्ना पाण्डेय ने कहा…

bhaav pradhan rachna parantu urdu aur hindi ke mishrit shabdon ka prayog..........
tippani k liye dhanyawaad

Amarjeet ने कहा…

aap to bahut acha likhti hai.isi tarah aap aage badhe rahiyega.
mere blog par comment karne ke liye thanyabad.

RAJEEV ने कहा…

bahut acha likh a hai keep it up

शरद तैलंग ने कहा…

रदीफ़ ’जाने के बाद" अन्तिम शेर में कहने के बाद हो गया जो दोषयुक्त है । थोडा बहर पर भी ध्यान दीजिए

Tarun Oberoi ने कहा…

weldone didi
it have touched my heart,may god give u more power of creation