आये थे मज़ार पर वो,
दुनियां बदल जाने के बाद।
सर झुकाया भी तो,
हमारे गुज़र जाने के बाद।
अरमां ये थे रू-ब-रू हो,
कुछ तो कह देते ।
बुदबुदाए भी आखिर तो ,
दम निकल जाने के बाद।
हुआ रश्क भी उन पर तो,
फितरत बदल जाने के बाद।
किया इज़हार भी तो,
अलविदा ! कहने के बाद।
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
52 टिप्पणियां:
aap sae kis email id par sampark ho sataa haen
regds
rachna
freelancetextiledesigner@gmail.com
waah ! sundar likha hai aapne.Aabhaar
aacha likhtee hain aap mere blog par comment kar ne ki liye shukriya aapka
अच्छा लगा पढ़कर।
bahut sunder likha aapne
khabi humari dustbin padhen
regards
बहुत खूबसूरत ..बहुत अछी कविता है
सुन्दर... बहुत सुन्दर।
वाह, बहुत खूब!!
aap likhti achha hain.mera mananaa hai ki duniya min sab udass aur bevaffa nahi hote. aapki rachamna vakayee bahut sundar hai.
kash bhawo ko geet bannane ka hunar hum bhi sheekh paate...
aap bahut sundarlikhti hai....
kuch nayepan ke liye mere blog par swagat hai.....
jai ho mangalmay ho
बुदबुदाए भी आखिर तो ,
दम निकल जाने के बाद।
वाह रचना जी, काफी अच्छी कविता है. कब ठहरेगा दर्द ऐ दिल, कब रात बसर होगी, सुनते थे, वो आएंगे, सुनते थे सहर होगी.
omprakash
रचना जी खूब लिखा आपने..
सर झुकाया भी तो,
हमारे गुज़र जाने के बाद।
आये थे मज़ार पर वो,
दुनियां बदल जाने के बाद।
सर झुकाया भी तो,
हमारे गुज़र जाने के बाद।
क्या खूब लिखा है आपने! स्वागत आपका मेरे ब्लॉग पर भी.
ऐसा ही है जीवन....अच्छा लगे या बुरा..
..ठीक ही है, आखिर कविता भी तो जन्मनी है..
...अपने ब्लाग पर न्योतने पर आभार..लिखे रहो...चुके रहो...आखिर धीरे धीरे ही तो पिघलती है शमा रात भर...
..सप्रेम,
महेन्द्र
किया इज़हार भी तो,
अलविदा ! कहने के बाद।
बहुत खूबसूरत...
sundar abhivyakti
sarthak pryas!!
Rachanaji,
Apki gazalen aur kuch hiku padhin.Apne bhavnaon ko achchi abhivyakti dee hai.Bachchon ke halar par bhee kuch likhane ka prayas kariye.Mera blog padhane ke liye thanks.Shubhkamnaon ke sath.
Hemant Kumar
wah..wah
badiya kavita....
badhai....
bahut accha likha aapne .....and thanx for ur comments on my blog ....maine to abhi bas kalam pakadna seekha ,,,
AAPKI PRATIBHA KO SALAM,
PRASHANSNIYA
RAVI DHURANDHAR
http://gorakhmantras-ravidhurandhar.blogspot.com/
rachnaa ji apkaa swagat aur dhanyavaad . apne jhalle ki jhalli baton ko yeh bosa kya de diyaa is jhallyat ko jhallyaton ke kabristaan me ek mazaar bhar banne se pehle hi mashoor kar diyaa .jhalla iske liye tahe dil se maskoor hua .jhalle vicharanusar mazaaron ke niche bhi jeevan hota he isi liye us jeevan unki kahaani ko bhi kalam ka ek hissa banaane ka prayaas karen .
अछी कविता
Rachna Jee,
Beautiful..sad thoughts..YOu are welcome to visit my blog too..http://dayinsiliconvalley.blogspot.com/
I would appreciate your comments..
Aashoo
आये थे मज़ार पर वो,
दुनियां बदल जाने के बाद।
सर झुकाया भी तो,
हमारे गुज़र जाने के बाद।
bahot badhiya, dhnyabad
शबनम कहती है ज़िन्दगी हसीं बड़ी है, नज़रिया बदल के देखो खूबसूरती कायनात में रहती है............
वाह रचना जी बेहद खूबसूरत. वैसे मैं धन्य हुआ, आप ने मेरे बालॉग का रूख किया और आगे लिखने की प्रेरणा दीं...
गुजर जाने के बाद .... अनायास
कुछ बीते पलों की याद दिला गई आपकी रचना ।
एक सुदर और दिल को छु लेनेवाली कविता .....
उत्कृष्ट रचनाएँ हैं आपकी।
उत्कृष्ट रचनाएँ हैं आपकी। मन को छू लेने वाली।
मैं हलाँकि किसी टिप्पणी के लिए बहुत कम अनुभव रखता हूँ लेकिन फ़िर भी ये कहना चाहता हूँ की आपकी इस रचना की प्रसंशा के लिए मेरे पास शब्दों की कमी पड़ रही है॥
भावों को बहुत सुन्दरता और संक्षिप्तता से व्यक्त किया है।
दस्तक देते रहें
http://lykhni।blogspot.com/
आपका विशेष ध्यान आकृष्ट करना चाहूंगा
http://lykhni.blogspot.com/2007/07/blog-post_8118.हटमल
नमस्कार
जो बीत गई वो बात गई,
जीवन में एक सितारा था,
माना वो बेहद प्यारा था ,
यदि टूट गए तो टूट गए,
जो टूट गए फ़िर कहाँ मिले,
अम्बर के आनन् को देखो,
कितने इसके तारे टूटे,
कितने इसके प्यारे छूटे,
पर पूछो टूटे तारों से
कब अम्बर शोक मनाता है.
----------- बच्चन
रचना जी !
आप की रचना बेहद रुचिकर एवं प्रभावी है.
---------- पवन कुमार अरविंद
मोब. 09873875050
शबनम कहती है ज़िन्दगी हसीं बड़ी है, नज़रिया बदल के देखो खूबसूरती कायनात में रहती है............
एक बार फिर कहना चाहूंगा, जी करता है इन पंक्तियों को हमेशा के लिए अपने अंदर सहेज लूं...
शबनम कहती है ज़िन्दगी हसीं बड़ी है, नज़रिया बदल के देखो खूबसूरती कायनात में रहती है............
एक बार फिर कहना चाहूंगा, जी करता है इन पंक्तियों को हमेशा के लिए अपने अंदर सहेज लूं...
NICE
bahut umda bahut khub...........
ek dam zabardast:):):)
thanks for viewing my blog and leaving a comment. Thanks because it gave me an opportunity to view ur blog.
keep writing and in touch
आपको पढ़कर काफी अच्छा लगा और मेरी कविता पर टिप्पणी के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद !
jo dil ko chhoo le wahee kavita hai. aapki kavitaon me maine aisa hee masusaa. mere blog par aane ke liye dhanyawaad.
पहली बार आया हूँ आपके ब्लॉग पर लेकिन मुझे आने में देरी हुयी माफ़ी चाहता हूँ,बहुत अच्छा लगा आपके ब्लॉग पर आ के और बहुत अच्छी बात और सुंदर रचना है आपकी!
कविता आये थे मज़ार पर वो,
पढने का अवसर मिला! अच्छा लगा!
आप अगर धर्म मे रुचि रखती है तो मेरे ब्लोग पर पधारे
महावीर बी सेमलानी "भारती"
मुम्बई
Bahut khoob....Yamini
achha laga..bhawnao ko aapne jis tarah net ke panno par ukera hai ..wakai ye kabiletarif hain...likhte rahiye...
बहुत प्यारे शेर हैं, बधाई।
आपकी कविताओं में अभिव्यक्ति की मुखरता अद्भुत है,साधुवाद
aap toh kamaal likhti hain. thanx fr visiting my blog and encouraging me. thanx alot.
बेहतरीन. इस से ज़्यादा कुछ नही कह पा रहा हूँ. आभार.
http://mallar.wordpress.com
अरे आप कहां फंसी है... ब्लाग को नियमित कीजिये ना...
अहसास हमें तब होता हैं जब सर के निचे रखा अपना पैर कोई खिच लेता हैं , दिल को छुते हैं अपके शब्द ,धन्यवाद .
bhaav pradhan rachna parantu urdu aur hindi ke mishrit shabdon ka prayog..........
tippani k liye dhanyawaad
aap to bahut acha likhti hai.isi tarah aap aage badhe rahiyega.
mere blog par comment karne ke liye thanyabad.
bahut acha likh a hai keep it up
रदीफ़ ’जाने के बाद" अन्तिम शेर में कहने के बाद हो गया जो दोषयुक्त है । थोडा बहर पर भी ध्यान दीजिए
weldone didi
it have touched my heart,may god give u more power of creation
एक टिप्पणी भेजें