ब्लोगिंग जगत के पाठकों को रचना गौड़ भारती का नमस्कार

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सोमवार, 20 जुलाई 2009

खामोशी

हर चीज बयां ये करती हैं
कुछ बात अनोखी लगती है
चुप सी इन झील सी आंखों में
तिर आयी नमी क्यों लगती है
तब दिल उदास हो जाता है
जब उनकी याद सताती है
लम्बी ठण्डी सी इन रातों में
लबों पे खामोशी छा जाती है
रुक रुक के सांस यूं चलती है
तस्वीर देखकर ख्वाबों में
परछाई गवाही देती है
हर चीज बयां ये करती है

12 टिप्‍पणियां:

ओम आर्य ने कहा…

खामोशी की लम्बी और और सच्ची जबान होती है ......बहुत ही सुन्दर

निर्मला कपिला ने कहा…

बहुत सुन्दर भावमय कविता के लिये आभार्

M VERMA ने कहा…

Silence is the best speaker
Hear the sound by heart.
=====
nice poem.

Udan Tashtari ने कहा…

वाह, बहुत खूब!

mehek ने कहा…

bahut khub

प्रिया ने कहा…

Aapki khamoshi achchi lagi

श्यामल सुमन ने कहा…

रचना की रचना कहे खामोशी की बात।
भाव बहुत अच्छा यहाँ ठंढ़ी लम्बी रात।।

सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com

36solutions ने कहा…

सुन्‍दर भावपूर्ण शब्‍दशिल्‍प.

रवि धवन ने कहा…

कितनी आसानी से आपने सब बयाँ कर दिया.
शुक्रिया इस रचना को साँझा करने के लिए.

हिमांशु{''हरीश ''} बिष्ट दिल्ली (उत्तराखंड) ने कहा…

खामोशी की लम्बी और और सच्ची जबान होती है.!!!!!!
बहुत ही सुन्दर!!!!

बहुत सुन्दर भावमय कविता के लिये आभार्....

Pawan Kumar Sharma ने कहा…

बहुत ही सुन्दर!!!!


सुन्दर भावमय कविता
शुक्रिया इस रचना को साँझा करने के लिए

mahesh dixit ने कहा…

aapne jo kavityein likhi achhi hain. unme bhav hai. drusti hia. lekin aapki apni kavita kya hai.