
तितलियों और लड़कियों की
अजीब समरूपताएं
अलियों और लड़कों को
पीछे-पीछे भगाएं
इन्द्रधनुष रंगों से सजें
छेड़ने की इन्हें सजाएं
रंग छोड़ें, रंग बदलें
रंगेहाथों पकड़वाएं
इठलाती उड़ती फिरें
मन ही मन लुभाएं
पंख पसारे उड़ती जाएं
अलियों को तड़पाएं
दूर रहें हाथ न आएं
यही इनकी विदू्रपताएं
15 टिप्पणियां:
सच कहा/// कितनी समरुपताएँ-बढ़िया रचना!!
बेहतरीन रचना. समरूपता तो है ही
बहुत तार्किक रचना
दूर रहें हाथ न आयें..
बिल्कुल सही :) बहुत अच्छी रचना।
बहुत खूब सुन्दर रवना शुभकामनायें
bahut khoob samroopta batayi Rachna ji aapne...badhai
SAMROOPTA TO HAI HI ..... SAARTHAK RACHNA .... BAHUT ACHEE RACHNA HAI ...
तितलियां और लड़कियां...
इठलाती उड़ती फिरें ...
अलियों को तड़पाएंकृ
हाथ न आएं...
यही इनकी विद्रूपताएंकृ
अच्छी और सच्ची अनुभूति ....काश कोई जले पर कोई नमक न समझे
तितलियां और लड़कियां...
इठलाती उड़ती फिरें ...
अलियों को तड़पाएं..
हाथ न आएं...
यही इनकी विद्रूपताएं..
अच्छी और सच्ची अनुभूति ....काश जले पर कोई नमक न समझे
वक्त के दर्द का एक सुच्चा अहसास... उदासियों के झांकते अक्श...बेहतर..
wah , kya khoob samantayen dhoondhi hain aapne bilkul sahi, behatareen.
iske saath hi rachna ji, main aapka hriday se dhanyawaad karna chahta hun, aaj mere blog ko ek varsh poora hua, aap mere blog ki pratham post ki tippnikaar hain, aapke protsahan aur hausla afjai se aaj main blog ka ek varsh safalta se paar karne men safalhua hun, aapka hriday se aabhaari hun. punah dhanyawaad.
बहुत खूब सुन्दर रवना शुभकामनायें
बहुत ही भावपूर्ण निशब्द कर देने वाली रचना . गहरे भाव.
संजय कुमार
हरियाणा
http://sanjaybhaskar.blogspot.com
ऊत्तम रचना है यह्…
मेरे ब्लोग पर आने के लिए धन्यवाद्…
आपका ब्लाग ज्वाइन कर लिया है…
मेरे ब्लाग को ज्वाइन करने के लिए आमत्रित हैं…
बहुत खूब सुन्दर रवना शुभकामनायें
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