हर चीज बयां ये करती हैं
कुछ बात अनोखी लगती है
चुप सी इन झील सी आंखों में
तिर आयी नमी क्यों लगती है
तब दिल उदास हो जाता है
जब उनकी याद सताती है
लम्बी ठण्डी सी इन रातों में
लबों पे खामोशी छा जाती है
रुक रुक के सांस यूं चलती है
तस्वीर देखकर ख्वाबों में
परछाई गवाही देती है
हर चीज बयां ये करती है
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12 टिप्पणियां:
खामोशी की लम्बी और और सच्ची जबान होती है ......बहुत ही सुन्दर
बहुत सुन्दर भावमय कविता के लिये आभार्
Silence is the best speaker
Hear the sound by heart.
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nice poem.
वाह, बहुत खूब!
bahut khub
Aapki khamoshi achchi lagi
रचना की रचना कहे खामोशी की बात।
भाव बहुत अच्छा यहाँ ठंढ़ी लम्बी रात।।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
सुन्दर भावपूर्ण शब्दशिल्प.
कितनी आसानी से आपने सब बयाँ कर दिया.
शुक्रिया इस रचना को साँझा करने के लिए.
खामोशी की लम्बी और और सच्ची जबान होती है.!!!!!!
बहुत ही सुन्दर!!!!
बहुत सुन्दर भावमय कविता के लिये आभार्....
बहुत ही सुन्दर!!!!
सुन्दर भावमय कविता
शुक्रिया इस रचना को साँझा करने के लिए
aapne jo kavityein likhi achhi hain. unme bhav hai. drusti hia. lekin aapki apni kavita kya hai.
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