होली के हैं ये हुड़दंग
छेड़ाछाड़ी गुलाल और भंग
प्यार मिलन त्याग विश्वास
च़ार रंगों की भरी पिचकारी
एक पडौ़सी ने दूजे़ पे डाली
एक ने रंग भरा मिलन का
दूजे़ ने उसमें डाला प्यार
त्याग ने रंग खूब जमाया
चमक उठा आपसी विश्वास
आओ हम भी खे़लें ऐसी होली
जिसमें छूटे न तोप और गोली
भूलें सारी तक़रारें हम
बंाटें एक दूजे के गम़
एंेसी होली रोज़ हम खेलें
खुशियों के लगने लगें मेले
कहने लगी रंगों की फुहार
सभी रिश्तों की लगाएं गुहार
हरे सफेद और नारंगी
रंगों से कुछ रंग चुराएं
बैर वैमनस्य दूर भगाकर
आओ गले लगे लगाएं
होली के हैं ये हुड़दंग
हल्ला हुल्ला दंगमदंग
सोमवार, 9 मार्च 2009
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9 टिप्पणियां:
बुरा ना मानो होली है…
आपकी इस सुंदर-सी कविता पर प्यार आता है
बहुत सही!!
होली की बहुत बधाई एवं शुभकामनाऐं.
happy holi....
होली में हुल्याए लिए अपनों को गले लगाय लिए
पढ़i आपको रचना तो कानन तक मुसकाय लिए
हुडदंगी अब रहे नही तो भी हम दन्गाय लिए
आए आपके द्वारे पे हाथन में शुभ कामनाय लिए
आप सभी दोस्तों को आज रंगो का त्योहार धूलेटी पर हार्दिक मंगल एवं सुभकामानाई
नमस्कार रचना जी
आपकी रचना के लिये बधाई
और फ़िर असीम शुभकामनाओ सहित
तीन मुक्तक होली पर
लगें छलकने इतनी खुशियां , बरसें सबकी झोली मे
बीते वक्त सभी का जमकर , हंसने और ठिठोली मे
लगा रहे जो इस होली से , आने वाली होली तक
ऐसा कोई रंग लगाया , जाये अबके होली मे
नजरें उठाओ अपनी सब आस पास यारों
इस बार रह न जाये कोई उदास यारों
सच मायने मे होली ,तब जा के हो सकेगी
जब एक सा दिखेगा , हर आम-खास यारों
और
मौज मस्ती , ढेर सा हुडदंग होना चाहिये
नाच गाना , ढोल ताशे , चंग होन चाहिये
कोई ऊंचा ,कोई नीचा , और छोटा कुछ नही
हर किसी का एक जैसा रंग होना चाहिये
शुभकामनाओ सहित
डा. उदय मणि
http://mainsamayhun.blogspot.com
अच्छी रंगकामनाएं की हैं आपने
इन्हें बेहोली भी सभी होलीदार बनाएं।
बहुत सुन्दर रचना..होली की विलम्बित शुभकामनायें.
Aapke swagat sandesh ke liye bahut bahut dhanyawad. Aapka blog pasand aaya.
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