HAPPY DIWALI
कहती है जोत तुम मेरा उजाला ले लो
सूरज में तपन है मेरी शीतल ज्वाला ले लो
जानते हैं परवाने शमां पिघल जाएगी एक दिन
उत्सर्ग से पहले उनकी वफा का एक कतरा ले लो
दरकते घर,वीरान गाव फिर शमशान बने इससे पहले
कुछ किलकारियों कहकहों की गूंज ले लो
कहती है जोत तुम मेरा उजाला ले लो
तुम अकेले नहीं हिम्मत है, हौसला और है जुनूं
तो स्फुटित गेंहूं के एक दाने का अंकुर ले लो
रोशनी रोशनी होती है चांद की हो या सूरज की
तपस्वियों के ओज से ही कुछ रश्मियां उधार ले लो
यूं तो कई रंग हैं नीले अस्मां में इन्द्रधनुष के
तुम अपने लहू का रंग अपने उत्सर्गों को दे दो
देखो फिर बसेगें गांव फिर शहर हरे होगें
तुम इंसान हो तो इंसानियत का हवाला ले लो
जानते हैं परवाने शमां पिघल जाएगी एक दिन
उत्सर्ग से पहले उनकी वफा का एक कतरा ले लो
दरकते घर,वीरान गाव फिर शमशान बने इससे पहले
कुछ किलकारियों कहकहों की गूंज ले लो
कहती है जोत तुम मेरा उजाला ले लो
तुम अकेले नहीं हिम्मत है, हौसला और है जुनूं
तो स्फुटित गेंहूं के एक दाने का अंकुर ले लो
रोशनी रोशनी होती है चांद की हो या सूरज की
तपस्वियों के ओज से ही कुछ रश्मियां उधार ले लो
यूं तो कई रंग हैं नीले अस्मां में इन्द्रधनुष के
तुम अपने लहू का रंग अपने उत्सर्गों को दे दो
देखो फिर बसेगें गांव फिर शहर हरे होगें
तुम इंसान हो तो इंसानियत का हवाला ले लो
10 टिप्पणियां:
बहुत बढ़िया भारती जी , आपकी सारी कवितायें पढ़ डाली हैं। आप और ओजस्वी लिख सकती हैं।
बहुत अच्छी रचना........
अभिनन्दन !
आपको और आपके परिवारजन को
दीपोत्सव की हार्दिक बधाइयां
एवं मंगल कामनायें.......
बेहतरीन रचना ..
सुख औ’ समृद्धि आपके अंगना झिलमिलाएँ,
दीपक अमन के चारों दिशाओं में जगमगाएँ
खुशियाँ आपके द्वार पर आकर खुशी मनाएँ..
दीपावली पर्व की आपको ढेरों मंगलकामनाएँ!
-समीर लाल ’समीर’
रौशनियों के इस मायाजाल में
अनजान ड़रों के
खौ़फ़नाक इस जंजाल में
यह कौन अंधेरा छान रहा है
नीरवता के इस महाकाल में
कौन सुरों को तान रहा है
.....
........
आओ अंधेरा छाने
आओ सुरों को तानें
आओ जुगनू बीनें
आओ कुछ तो जीलें
दो कश आंच के ले लें....
०००००
रवि कुमार
बढिया लिखा आपने !!
पल पल सुनहरे फूल खिले , कभी न हो कांटों का सामना !
जिंदगी आपकी खुशियों से भरी रहे , दीपावली पर हमारी यही शुभकामना !!
behatareen abhivyakti.
दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें
aap ki kuch kavitayen padi ,bahut accha likhti hain aap,badhai,diwali ki shubh kaamnayein
dr.minocha
Bahut achhi kavita. Deepawali ki shubhkamnayen.
Bhartiji, aapki kavita vaakai me bahut achchhi hai. Insaan ko insaan hone ka ehsaas karaate hue hamaare aaspaas ki chhoti chhoti khushiyon se wakif karaati hai. Bahut badhiya
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